और तुम... तुम मुझमें रहकर भी मुझसे जुदा हो। और तुम... तुम मुझमें रहकर भी मुझसे जुदा हो।
ये कविता एक एहसास है दिल टूट जाने का साथी छूट जाने का। कभी-कभी ऐसा भी होता है दिल टूट जाता है मन बहु... ये कविता एक एहसास है दिल टूट जाने का साथी छूट जाने का। कभी-कभी ऐसा भी होता है दि...
जिंदगी के साथ वफादार रहिए, जिंदगी में जो भी मिला उसे स्वीकार करिए। जिंदगी के साथ वफादार रहिए, जिंदगी में जो भी मिला उसे स्वीकार करिए।
प्यार का क्या है! प्यार का क्या है!
बस मिलता रहा प्रलोभन सत्तर साल से नहीं बदला, आम आदमी का जन -जीवन वही भाग -दौड़ निर्व बस मिलता रहा प्रलोभन सत्तर साल से नहीं बदला, आम आदमी का जन -जीवन वही भ...
बन कर फल कभी थोड़े कच्चे तो कभी थोड़े पक्के, लटकते अधटूटी टहनियों से दिखावी रिश्ते। बन कर फल कभी थोड़े कच्चे तो कभी थोड़े पक्के, लटकते अधटूटी टहनियों से दिखा...